
दवा। राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी विभागों को अलग-अलग फ्लू के जहर से बचाव के निर्देश दिए हैं। ताकि खांसी, सर्दी और बुखार से पीड़ित सभी पीड़ितों का इलाज फ्लू से पीड़ित हो सके। दून मेडिकल कॉलेज की प्रयोगशाला डॉक्टर गीता जैन ने इस बारे में बताया।
हालांकि राज्य के सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज इंकलाब में अलग से फ़्लू फ़्लोरिडा संचालित होने में समय लग सकता है। दून मेडिकल कॉलेज की प्रयोगशाला की डॉक्टर गीता जैन ने बताया, कि इसी सप्ताह हॉस्पिटल में रेस्पिरेटरी इलनेस के लिए फ्लू ऑर्निटेसिटी संचालित किया जाएगा। इसके बाद खांसी, सर्दी और बुखार से पीड़ित मरीजों का इलाज अलग-अलग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दून अस्पताल में कोरोना से जुड़ी आरटी रिकार्ड व एलिजा जांच की आवश्यक मात्रा में किटें उपलब्ध हैं। डॉ. गीता जैन का कहना है कि कोरोना की पहली, दूसरी और तीसरी लहर की तुलना में इस बार ओमीक्रोन का भिन्न रूप उतना घातक नहीं है। अभी तक जो भी वैज्ञानिक कोरोना को लेकर सामने आए हैं, उन वैज्ञानिक में कोई ऐसी सीरियस बात सामने नहीं आई है। लेकिन सरकार की तरफ से जो भी लाइब्रेरी की तरफ से जाया जा रहा है, उन सभी गाइड का अस्पताल की तरफ से पालन किया जा रहा है।
दून मेडिकल कॉलेज की प्रयोगशाला डॉक्टर गीता जैन का कहना है, कि कोविड को लेकर दून अस्पताल पूरी तरह से ठीक है। अभी तक अस्पताल में कोई भी कोरोना रोगी नहीं मिला। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण से पीड़ित पीड़ितों के लिए 20 श्रमिकों और 10 बाल चिकित्सा बिस्तरों पर लगे सामान दिए गए हैं। दून अस्पताल में कोरोना की जांच की जाएगी। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में किट उपलब्ध हैं। हालाँकि अस्पताल प्रशासन की ओर से और किट्स के लिए और सामान भेजे गए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं कल्याण परिवार मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार भारत में कोरोना वायरस के सक्रिय मामले 1009 हो गए हैं। स्वास्थ्य एवं कल्याण परिवार मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 752 रोगी 19 मई 2025 के बाद दर्ज किये गये हैं। राहत की बात ये है कि इस दौरान 305 मरीज भी ठीक हो गए। हालाँकि 7 लोगों की जान गयी है। केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज पाए गए हैं। वैज्ञानिक है कि भारत सहित पूरी दुनिया में ओमीक्रोन जेन 1 विविधता का परिवर्तन हुआ है। उत्तराखंड में अभी तक कोरोना के 3 मरीज सामने आए हैं। ये तीन लोग अन्य राज्यों से उत्तराखंड आये थे।