उत्तराखंड देहरादून में वन भूमि पर अवैध कब्जा! रिटायर सर्वेयर की शिकायत पर जांच शुरू, अफसरों की भूमिका पर सवाल,

कंपनी के लच्छीवाला रेंज के दूधली क्षेत्र में कई खूबसूरत वन भूमि पर अवैध निर्माण और प्लॉटिंग की जा रही है। वन संरक्षक-शिवालिक राजीव धीमान ने इस मामले की जांच के बाद वन विभाग से निष्कर्ष निकाला। कंपनी के लच्छीवाला रेंज के दूधली क्षेत्र में कई प्रतिष्ठित वन भूमि पर अवैध निर्माण और प्लॉटिंग की जा रही है। वन विभाग के सेव सर्वेक्षणकर्ता की याचिका के बाद वन संरक्षक-शिवालिक राजीव धीमान ने इस मामले की जांच की। वन विभाग के सबसे अनुभवी और विशेषज्ञ वैज्ञानिकों ने इस मामले में दल-दल और कर्मचारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। लेकिन, यहां कुछ लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर पेड़ काटने का काम शुरू कर दिया है। जब इसकी सूचना मिली तो उन्होंने खुद के मकबरे पर स्पष्टता से विचार-विमर्श किया। लगभग दो माह तक के सभी पुराने अभिलेखों और पुरालेखों के बाद उन्होंने इस क्षेत्र में करीब 25 नाइट्रोजनी वन भूमि की खोज की, जो लगातार घनीभूत हो रही है। डोभाल सैकड़ों हेक्टेयर वन भूमि का निरीक्षण मुक्त करवाये गये हैं। दूसरी ओर, डीएफओ नीरज शर्मा का कहना है कि पोर्टफोलियो अनिल रावत की जांच की गई है। सर्वे क्लास चल रही है। कहीं जगह मिली तो कार्रवाई जरूर होगी। अधोईवाला मामला क्षेत्र में अवैध व्यवसाय को लेकर गूगल मार्केट
रायपुर रेंज के अधोईवाला में करीब सौ सौ आर्च वन भूमि की व्यवस्था के बारे में जानकारी आयोग ने वन विभाग के मुखिया से जवाब मांगा है। सूचना आयुक्त दिलीप सिंह कुँवर ने सुनवाई के बाद निर्देश दिया कि सात मई को अगली सुनवाई पहले वन विभाग उत्तर आयोग में जमा करे। साथ ही, इस सर्च में पूरे क्षेत्र का गूगल मैटेरियल भी आयोग के सामने रखा जाए। शिवालिक वन के संरक्षक राजीव धीरेन ने कहा, ‘यह मामला एक प्रेमी मामला है। डीएफओ को जांच के निर्देश दिए गए हैं। निरीक्षण के साथ ही कर्मचारी कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच होगी। अगर किसी का वैश्यत्व या लैपटॉप सामने आया तो ठोस कार्रवाई होगी।’